hanuman chalisa Fundamentals Explained
hanuman chalisa Fundamentals Explained
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हनुमान चालीसा लिरिक्स
You may have the essence of Ram bhakti, may well You usually continue to be The common-or-garden and devoted servant of Raghupati.
तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥ आपन तेज सह्मारो आपै ।
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज को समस्त सिद्धियाँ प्राप्त हैं तथा उनके हृदय में प्रभु विराजमान हैं, इसलिये समस्त शक्तियाँ भी आपके साथ रहेंगी ही। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥
हिन्दू धर्म में बजरंगबली को को सबसे अधिक पूजनीय देवताओं में से एक माना जाता हैं। हनुमान चालीसा के साथ ही सुंदरकांड, बजरंग बाण और संकट मोचन हनुमानाष्टक का पाठ कर रामभक्त हनुमान को प्रसन्न किया जा सकता है।
भावार्थ – हे हनुमान जी! चारों युगों (सत्ययुग, त्रेता, द्वापर, कलियुग ) – में आपका प्रताप जगत को सदैव प्रकाशित करता चला आया है ऐसा लोक में प्रसिद्ध है।
व्याख्या – श्री हनुमान जी अष्ट–सिद्धियों से सम्पन्न हैं। उनमें सूक्ष्मातिसूक्ष्म एवं अति विस्तीर्ण दोनों रूपों को धारण करने की विशेष क्षमता विद्यमान है। वे शिव (ब्रह्म) का अंश होने के कारण तथा अत्यन्त सूक्ष्म रूप धारण करने से get more info अविज्ञेय भी हैं ‘सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयम्‘ साथ ही काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, अहंकार, दम्भ आदि भयावह एवं विकराल दुर्गुणों से युक्त लंका को विशेष पराक्रम एवं विकट रूप से ही भस्मसात् किया जाना सम्भव था। अतः श्री हनुमान जी ने दूसरी परिस्थिति में विराट् रूप धारण किया।
श्रुति रामकथा, मुख रामको नामु, हिएँ पुनि रामहिको थलु है ॥
श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स के अंग्रेजी और हिन्दी अनुवाद निम्न लिखित हैं। सटीक हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
व्याख्या – भजन अथवा सेवा का परम फल है हरिभक्ति की प्राप्ति। यदि भक्त को पुनः जन्म लेना पड़ा तो अवध आदि तीर्थों में जन्म लेकर प्रभु का परम भक्त बन जाता है।
व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज की शरण लेने पर सभी प्रकार के दैहिक, दैविक, भौतिक भय समाप्त हो जाते हैं तथा तीनों प्रकार के आधिदैविक, आधिभौतिक एवं आध्यात्मिक सुख सुलभ हो जाते हैं।